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किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं ये योजनाएं, देश के हर अन्नदाता को होना चाहिए इसके बारे में पता

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आज हमारे देश में किसानों की कैसी हालत है इसके बारे में तो फिलहाल ज्यादा कुछ टीका-टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है. आज की तारीख में देश का हर शख्स अन्नदाताओं के सुरत-ए-हाल से वाकिफ है. वहीं, अगर किसानों को लेकर सरकार के रूख की बात करें, तो सरकार समय-समय पर बेशुमार ऐसी योजनाएं शुरू करती रहती है, जो कि किसानों के लिए हित का कारण बन सके. इस कड़ी में हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कुछ ऐसी ही योजनाओं से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जिनका अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह अन्नदाताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं.

दरअसल किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत केंद्र सरकार ने साल 2018 में की थी. इस योजना के तहत उन सभी किसानों को जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम की भूमि है, उन्हें हर साल 6 हजार रूपए देने का प्रावधान है. यह राशि किसानों को 2-2 हजार में मुहैया कराई जाती है, लेकिन मौजूदा समय में कई गैर-बीजेपी शासित राज्यों में केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जिसमे बंगाल भी शामिल है, लेकिन पिछले दिनों बंगाल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो प्रदेश के किसानों को पिछले 2 सालों में किसान सम्मान निधि योजना की राशि प्रदान की जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो बंगाल के किसानों को आर्थिक रूप से बड़ा फायदा होगा. खैर, अब क्या कुछ होता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

वैसे तो इस य़ोजना की शुरूआत साल 2007-2008 में हुई थी, लेकिन मौजूदा वक्त में यह योजना पूरी तरह से धरातल पर लागू नहीं हो पाई है, बहुत ही चुनिंदा किसानों तक ही इस योजना का लाभ पहुंच पाया है. बता दें कि इस उक्त योजना का मुख्य ध्येय पानी के बेहतर इस्तेमाल, फसलों की उत्पादकता में अधिकता सहित किसानों की आय में वृद्धि लाना मुख्य ध्येय है. इस योजना के तहत तकरीबन 40 फीसद किसान सरकार से सब्सिडी भी प्राप्त कर सकते हैं.

वैसे तो कृषि क्षेत्र में वृद्धि करने हेतु बेशुमार योजनाएं चल रही है, लेकिन बात राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की करें, तो इसका मुख्य ध्येय कृषि क्षेत्र में हर साल 4 फीसद की वृद्धि करना है. इसके साथ ही इस योजना का मुख्य ध्येय सार्वजनिक निवेश की गति को बढ़ाना है. केंद्रीय हस्तक्षेप के जरिए इनकी उपज के अंतर को भी कम करना है. खैर, मौजूदा वक्त में यह योजना भी किसान के लिए बहुत लाभकारी साबित हो रही है.

मौजूदा वक्त में यह योजना किसानों की अपेक्षाओं पर बिल्कुल खरी उतर रही है. बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य एवं सुरक्षा मिशन 11वीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा रही है.

मौजूदा समय में इस योजना के तीन घटक हैं

पहला: चावल राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा मिशन

दूसरा: गेंहू राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा मिशन

तीसरा: दलहन राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा मिशन

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना का मुख्य ध्येय देश के बागवानों के क्षेत्र सहित उनकी उत्पादकता में वृद्धि लाना है.

बता दें यह योजना सरकार की 11वीं योजना का हिस्सा रही है. इस योजना का 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार का है और बाकी का 15 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार का है. मौजूदा वक्त में यह उत्तर के 8 राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है.

--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/krishi-jagran/message
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दरअसल किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत केंद्र सरकार ने साल 2018 में की थी. इस योजना के तहत उन सभी किसानों को जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम की भूमि है, उन्हें हर साल 6 हजार रूपए देने का प्रावधान है. यह राशि किसानों को 2-2 हजार में मुहैया कराई जाती है, लेकिन मौजूदा समय में कई गैर-बीजेपी शासित राज्यों में केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जिसमे बंगाल भी शामिल है, लेकिन पिछले दिनों बंगाल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो प्रदेश के किसानों को पिछले 2 सालों में किसान सम्मान निधि योजना की राशि प्रदान की जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो बंगाल के किसानों को आर्थिक रूप से बड़ा फायदा होगा. खैर, अब क्या कुछ होता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

वैसे तो इस य़ोजना की शुरूआत साल 2007-2008 में हुई थी, लेकिन मौजूदा वक्त में यह योजना पूरी तरह से धरातल पर लागू नहीं हो पाई है, बहुत ही चुनिंदा किसानों तक ही इस योजना का लाभ पहुंच पाया है. बता दें कि इस उक्त योजना का मुख्य ध्येय पानी के बेहतर इस्तेमाल, फसलों की उत्पादकता में अधिकता सहित किसानों की आय में वृद्धि लाना मुख्य ध्येय है. इस योजना के तहत तकरीबन 40 फीसद किसान सरकार से सब्सिडी भी प्राप्त कर सकते हैं.

वैसे तो कृषि क्षेत्र में वृद्धि करने हेतु बेशुमार योजनाएं चल रही है, लेकिन बात राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की करें, तो इसका मुख्य ध्येय कृषि क्षेत्र में हर साल 4 फीसद की वृद्धि करना है. इसके साथ ही इस योजना का मुख्य ध्येय सार्वजनिक निवेश की गति को बढ़ाना है. केंद्रीय हस्तक्षेप के जरिए इनकी उपज के अंतर को भी कम करना है. खैर, मौजूदा वक्त में यह योजना भी किसान के लिए बहुत लाभकारी साबित हो रही है.

मौजूदा वक्त में यह योजना किसानों की अपेक्षाओं पर बिल्कुल खरी उतर रही है. बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य एवं सुरक्षा मिशन 11वीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा रही है.

मौजूदा समय में इस योजना के तीन घटक हैं

पहला: चावल राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा मिशन

दूसरा: गेंहू राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा मिशन

तीसरा: दलहन राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा मिशन

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना का मुख्य ध्येय देश के बागवानों के क्षेत्र सहित उनकी उत्पादकता में वृद्धि लाना है.

बता दें यह योजना सरकार की 11वीं योजना का हिस्सा रही है. इस योजना का 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार का है और बाकी का 15 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार का है. मौजूदा वक्त में यह उत्तर के 8 राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है.

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