A hybrid of online radio, podcast and YouTube – live from 06h00 to 08h00 – Gareth and his team bring you ‘unradio’ – unscripted, uncensored, real conversations about everything that happens in our world, everything we all experience every day, what makes us think… makes us laugh… makes us cry… makes us angry… inspires us… and makes us human. It’s about the stuff that connects us on this journey called LIFE. Welcome to it!
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Shirin Singing Jagao na Bapu Ko by Shamim Karahani
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ये गीत शमीम कराहनी ने 30 जनवरी 1948 को लिखा, जिस दिन गाँधी की हत्या की गयी. शमीम कराहनी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कवि थे. उनकी कविताएँ इतनी प्रभावशाली थीं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, दिल्ली, लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों की सड़कों पर निकाली गई प्रभात-फेरियों में गाई जाती थीं. जवाहरलाल नेहरू ने उनके बारे में लिखा, "एक कवि को अपने जीवन को ही एक कविता बना लेना चाहिए। शमीम कराहनी ने भारत की स्वतंत्रता के गीत गाए हैं। मुझे आशा है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे और इस स्वतंत्रता का आनंद उठाएंगे". गांधी को मार कर भी गोडसे की विचारधारा नहीं जीत सकती अगर हम मिल कर उस का मुक़ाबला करें. ये मुक़ाबला है हैवानियत और इंसानियत के बीच का. शांति और भाईचारे की दमदार तरीके से रक्षा करें. अफवाहों और झूठी जानकारियों को फैलने से रोकें, अपने आस पास के लोगों को बदलें, दूसरे धर्म और जाती के लोगों से भी दोस्ती करें और उन्हें हमलों से बचाएँ. हिंसक भीड़ों का हिस्सा न बनें. खुलकर मानवता का बचाव करें. जो हमें हत्यारा बनाना चाहते हैं, उनसे दूर रहें और दूसरों को भी उन से दूर रखें.
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ये गीत शमीम कराहनी ने 30 जनवरी 1948 को लिखा, जिस दिन गाँधी की हत्या की गयी. शमीम कराहनी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कवि थे. उनकी कविताएँ इतनी प्रभावशाली थीं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, दिल्ली, लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों की सड़कों पर निकाली गई प्रभात-फेरियों में गाई जाती थीं. जवाहरलाल नेहरू ने उनके बारे में लिखा, "एक कवि को अपने जीवन को ही एक कविता बना लेना चाहिए। शमीम कराहनी ने भारत की स्वतंत्रता के गीत गाए हैं। मुझे आशा है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे और इस स्वतंत्रता का आनंद उठाएंगे". गांधी को मार कर भी गोडसे की विचारधारा नहीं जीत सकती अगर हम मिल कर उस का मुक़ाबला करें. ये मुक़ाबला है हैवानियत और इंसानियत के बीच का. शांति और भाईचारे की दमदार तरीके से रक्षा करें. अफवाहों और झूठी जानकारियों को फैलने से रोकें, अपने आस पास के लोगों को बदलें, दूसरे धर्म और जाती के लोगों से भी दोस्ती करें और उन्हें हमलों से बचाएँ. हिंसक भीड़ों का हिस्सा न बनें. खुलकर मानवता का बचाव करें. जो हमें हत्यारा बनाना चाहते हैं, उनसे दूर रहें और दूसरों को भी उन से दूर रखें.
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